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Tuesday, September 23, 2014

कृतज्ञता

यदि हम किसी के उपकार को याद कर पाये तो 
हम उस व्यक्ति के कृतज्ञ है जिसने हमें उपकृत किया है
 कृतज्ञता   के धरातल पर मनुष्यता पलती  है 
कृतज्ञ  होना अच्छे मनुष्य का लक्षण है 
कृतज्ञता से हम किसी व्यक्ति के ऋण से उऋण हो सकते है 
जिस व्यक्ति में कृतज्ञता का भाव नहीं है 
वह किसी प्रकार की संवेदना और दया का पात्र नहीं है 
संसार में बहुत से ऐसे लोग है 
जो किसी भी व्यक्ति के द्वारा किये  
उपकार को भूल जाते है 
और उसी व्यक्ति की आलोचना करने लगते है 
जिन्होंने बहुत सारे उपकार किये है 
ऎसे लोगो को कृतघ्न कहा जाता है
 दूसरी बार कोई व्यक्ति आवश्यकता पड़ने पर 
कृतघ्न व्यक्ति  की कोई सहायता नहीं करता है
माता पिता  से कृतघ्न पुत्र कपूत कहलाता है 
 गुरु से कृतघ्न शिष्य को ज्ञान भले ही ग्रहण कर ले 
परन्तु गुरु का आशीष नहीं मिलता 
प्राप्त ज्ञान का उपयोग नहीं कर सकता
देश की माटी से कृतघ्न व्यक्ति देश द्रोही 
 आश्रय दाता  से कृतघ्न व्यक्ति विश्वासघाती कहलाता है 
संसार में जो उपकार की  भावना  जो समाप्त हो रही है 
उसका सबसे प्रमुख कारण  कृतघ्नता है
इसलिए जीवन में जिसने भी 
हमारा थोड़ा सा भी उपकार किया है
 उसके प्रति कृतज्ञ अवश्य  रहे