रूचिया जिसे शौक भी कहते है
व्यक्तित्व का दर्पण होती है
ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसे कोई रूचि नहीं हो
यह संभव है की रुचियों के अच्छे बुरे प्रकार हो सकते है
साक्षात्कार की प्रक्रिया में साक्षात्कार कर्ता प्रत्याशी से
ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसे कोई रूचि नहीं हो
यह संभव है की रुचियों के अच्छे बुरे प्रकार हो सकते है
साक्षात्कार की प्रक्रिया में साक्षात्कार कर्ता प्रत्याशी से
रुचियों के बारे में इसलिए पूछते है
रुचियों से व्यक्ति के बारे में यह तथ्य ज्ञात किया जा सकता है की
किसी व्यक्ति की मानसिकता किस स्तर की है
व्यक्ति का सकारात्मक है अथवा नहीं
रुचियों से व्यक्ति के बारे में यह तथ्य ज्ञात किया जा सकता है की
किसी व्यक्ति की मानसिकता किस स्तर की है
व्यक्ति का सकारात्मक है अथवा नहीं
रुचियों के आधार पर ही यह निर्धारित किया जा सकता है की
व्यक्ति में रचनात्मक प्रवृत्ति है या नहीं
व्यक्ति में रचनात्मक प्रवृत्ति है या नहीं
साहित्य कला संगीत में रूचि रखने वाला व्यक्ति संवेदना
से परिपूर्ण भावुक और रचनात्मक होता है
से परिपूर्ण भावुक और रचनात्मक होता है
खेल और व्यायाम में रूचि रखने वाला व्यक्ति
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक सक्रीय रहने वाला व्यक्ति होता है
रूचि में किये जाने वाले कार्य में
व्यक्ति को पूरी सफलता प्राप्त होती है
अरुचि से किये जाने वाला अभ्यास हो या कोई कार्य
समय और श्रम अधिक लगने के बावजूद व्यक्ति को
वांछित फल प्रदान नहीं करता