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Saturday, May 25, 2013

सद गुरु भगवान् श्रीकृष्ण

भगवान् श्रीकृष्ण  और अर्जुन के मध्य क्या सम्बन्ध थे ?
इस विषय भिन्न  भिन्न विद्वानों के अलग अलग विचार है 
कुछ विद्वान  श्रीकृष्ण  और अर्जुन के मध्य मित्र  वत  सम्बन्ध मानते है 
कुछ विद्वानों का मत है वे अर्जुन की माता कुंती श्री कृष्ण  की बुआ थी 
कुछ विद्वानों का मत है 
अर्जुन नर और श्रीकृष्ण  नारायण के प्रतीक है 
परन्तु जहा तक मित्रता के सम्बन्ध होते है 
वे बौध्दिक रूप से सामान स्तरों के व्यक्तियों के बीच होते है 
भले ही श्रीकृष्ण अधिकतम  समय अर्जुन के   समीप  रहे हो
 परन्तु जितनी वैचारिक साम्यता श्रीकृष्ण की युधिष्ठर से रही
 उतनी अर्जुन से नहीं रही
 इसलिए युधिष्ठर श्रीकृष्ण की तरह स्थित प्रग्य रहे
 सुख दुःख दोनों  को विचलित नहीं कर पाए 
अर्जुन शक्ति का प्रतीक थे 
शक्ति को मार्गदर्शक की आवश्यकता रहती है 
उचित मार्ग दर्शन के अभाव में शक्ति शाली व्यक्ति पथ भ्रष्ट हो जाता है 
विपरीत परिस्थितियों में अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है 
इसलिए भगवान् श्रीकृष्ण ने  अर्जुन के लिए 
सही मानो तो मार्गदर्शक  सद  गुरु  की भूमिका निभाई है 
हम भगवान् श्रीकृष्ण को ईश्वर के रूप में पूज्य मानते है 
कभी हम उनका  सद  गुरु और  मार्ग दर्शक के रूप में 
 चिन्तन करे तो उनके जीवन काल की घटनाओं से 
हमें प्रत्येक समस्या के समाधान प्राप्त हो सकते है