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Wednesday, February 10, 2016

Ancient Dhrmrajeshvar Tempal Madhya Pradesh Bharat






त्याग और निर्माण

जीवन का यह कटु सत्य है कि 
किसी भी निर्माण के पीछे 
किसी का बलिदान होता है 
गुरु अपने शिष्य को पूर्णता
 प्रदान करने के लिए 
अपने सुख चैन त्याग कर देता है 
अपना सम्पूर्ण ज्ञान अनुभव
 शिष्य पर उड़ेल देता है 
                 माता पिता अपने बच्चों के लिए
 कितने त्याग करते है 
तब जाकर संतानो का
 जीवन निखर पाता है
 बीज मिटटी में दब कर 
अपने अस्तित्व को पूर्ण रूप से
 मिटा कर एक पौधे को अंकुरित करता है
 जो समय के साथ घना और छायादार
 फलो से भरा वृक्ष बन जाता है
 यदि बीज यह तय कर ले कि
 वह अपने अस्तित्व को बचाकर रखे तो
 कभी भी वृक्ष रूपी विशालता 
उसके भीतर से प्रकट नहीं हो पाएगी
 त्याग से महान लक्ष्य प्राप्त किये जा सकते है
 महान पुरुषो का जीवन देखे तो
 किसी ने देश और समाज के 
उत्थान के  लिए अपने  मूल्य वान  समय का 
किसी ने रिश्तों का 
किसी सुखो का 
तो किसी ने स्थान और धन सम्पदा का
 त्याग किया है समय आने पर
 वे प्राणों का त्याग करने से भी नहीं चूके है