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Wednesday, September 30, 2015

विशेष दिखने की चाहत

 वर्तमान में कुछ लोगो में 
विशेष दिखने की चाहत दिखाई देती है 
भीड़ में स्वयं को भिन्न दिखाने के लिए 
लोग क्या क्या उपाय नहीं करते है 
विशेषकर यह प्रवृत्ति युवा पीढ़ी  में पाई जा रही है 
जो मात्र सुविधाओ तथा उत्कृष्ट जीवन शैली को 
अपना कर स्वयं को विशिष्ट श्रेणी का बताने का 
प्रयास करते है 
परन्तु वे भूल जाते है कि  
मात्र भौतिक सुविधाओ एवं ऊँचे रहन सहन से 
कोई व्यक्ति विशिष्ट नहीं हो जाता 
व्यक्ति को विशिष्टता  धारण करने के लिए व्यक्अपराधिक तिगत गुणों का विकास करना होता है 
बिना किसी पात्रता कर्म कौशल एवं मानवीय गुणों के जो व्यक्ति सुविधाओ के बल पर 
विशेष दिखना चाहता है 
वह जन मानस को भीतर तक
 प्रभावित नहीं कर पाता  है 
मात्र स्वयं को भ्रान्ति में ही डालता है 
अक्सर ऐसे युवा जो बिना किसी आधार के 
उच्च स्तर  की जीवन शैली की ओर  उन्मुख होते है 
वे कालान्तर में अपनी महंगे शौक और व्यसनों से ग्रस्त होकर अपराध कृत्यों में लिप्त हो जाते है 
इसलिए विशिष्टता व्यक्तित्व होती है साधनो के बल पर कोई भी व्यक्ति विशिष्ट नहीं हो सकता