हनुमान जी के कितने ही रूप है
बाल रूप रणवीर रूप संजीवनी स्वरूप
परन्तु हनुमान जी का पंचमुखी स्वरूप अदभुद है
अनुपम है ऊर्जावान और प्रेरणादायक है
पंचमुखी हनुमान जी के दिव्य स्वरूप के दर्शन करने से जीवन में अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है
जीवन प्रेरणा से ओत प्रोत हो जाता है
अकर्मण्यता के रोग से व्यक्ति मुक्त हो जाता है
व्यक्ति प्रत्येक प्रकार के कार्य करने को
तत्पर और उद्यत रहता है
पंचमुखी हनुमान जी के पांच मुख के साथ हनुमद बैठक
हमें जीवन में प्रत्येक प्रकार की कार्य का
पंचमुखी हनुमान जी के दिव्य स्वरूप के दर्शन करने से जीवन में अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है
जीवन प्रेरणा से ओत प्रोत हो जाता है
अकर्मण्यता के रोग से व्यक्ति मुक्त हो जाता है
व्यक्ति प्रत्येक प्रकार के कार्य करने को
तत्पर और उद्यत रहता है
पंचमुखी हनुमान जी के पांच मुख के साथ हनुमद बैठक
हमें जीवन में प्रत्येक प्रकार की कार्य का
दायित्व उठाने की प्रेरणा देती है
व्यक्ति को अपने कार्य क्षेत्र में कैसी भी हो
व्यक्ति को अपने कार्य क्षेत्र में कैसी भी हो
भूमिका का स्वीकार कर लेनी चाहिए
कभी किसी कार्य को छोटा या तुच्छ मानकर
कभी किसी कार्य को छोटा या तुच्छ मानकर
कर्तव्य से विमुख नहीं होना चाहिए
जो व्यक्ति सदैव कार्य करने हेतु तत्पर रहता है
उसकी सफलता में कोई संदेह नहीं रहता है
जो व्यक्ति सदैव कार्य करने हेतु तत्पर रहता है
उसकी सफलता में कोई संदेह नहीं रहता है