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Friday, March 18, 2016

चिंतन क्या है ?

चिंतन चित का विश्राम  है
मन की तृष्णाओं का होता विराम है 
चिंतन सृजन का स्त्रोत है 
निर्माण की चेतना है 
चिंतन दुस्साहस नहीं साहस है 
अध्यात्म की ऊर्जा है 
खुल जाते है पंच कोष 
जुड़ जाते है सद विचार 
विस्फुरित होती कुण्डलिनी
खुल जाता पुर्जा पुर्जा है
चिंतन चिंता का करता हरण  है 
मिट जाते है सभी विकार 
 अनाहद के भीतर होता अमृत तत्व
तरल अमृत का होता निरंतर झरण  है
चिंता में होती वेदना है 
चिंतन से जगती  संवेदना है
चिंतन का वरदान उसी को मिलता है 
जिसके चित्त सरोवर में 
ह्रदय का कमल खिलता है 
चिंतन मोक्ष दायिनी गंगा 
पुण्य सलिला मैया नर्मदा है 
मिल जाती है कष्टो से मुक्ति 
आनंदित रहते सर्वदा है 
इसलिए चिंतन उसी को मिला है 
जो भगवद  सत्ता के समीप है 
जप तप  का लंबा सिल सिला है
चिंतन एक भगत  की भक्ति है 
साधक की शक्ति है 
चिंतन के रथ पर होकर सवार 
जीवन के  कर्म क्षेत्र से हर युक्ति मिल सकती है 
चिंतन वासना का विराम है 
किंकर्तव्य विमूढ़ मन का घनश्याम है