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Thursday, November 29, 2012

स्वाभिमान


स्वालम्बन का सीधा सम्बन्ध स्वाभिमान से होता है
स्वाभिमानी व्यक्ति को अात्म सम्मान से बहुत अधिक प्यार होता है
वह किसी भी कीमत पर अपने अात्म सम्मान के ठेस लगने पर
समझौता नही करता
अात्मसम्मान को ठेस लगते ही
वह कितने ही बडे प्रलोभन को एक क्षण मे ठुकरा देता है
स्वालम्बन जीवन मे उत्थान का प्रथम लक्षण है
स्वाभिमान व्यक्ति को उर्जा प्रदान करता है
व्यक्ति उसमे निहित क्षमता से स्वयम को प्रमाणित करने हेतु
अतिरिक्त क्षमता से कार्य करता है
स्वाभिमानी व्यक्ति विश्वसनियता की प्रतिमूर्ति होता है
ऐसा व्यक्ति पहली बार देखने मे अभिमानी स्वभाव का प्रतीत होता है
परन्तु शनै :शनै :परिचय होने पर उसका
वास्तविक स्वरुप समझ अा जाता है
मिथ्याभिमान अयोग्यता का प्रतीक होता है
ऐेसा व्यक्ति निरन्तर एक प्रकार की भ्रान्ति मे विचरण करता है
मानो वह बहुत अधिक योग्यता धारण करने वाला व्यक्ति है
ऐसे व्यक्ति अपने मिथ्याभिमान से स्वयम का नुकसान तो करते ही है
साथ ही वह स्वर्णिम अवसरो का लाभ भी नही उठा पाते है
मिथ्याभिमानी व्यक्ति का अभिमान जितनी जल्दी दूर हो जाये वह श्रेयस्कर है

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