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Tuesday, July 29, 2014

सम्मान और गरिमापूर्वक जीने का अधिकार

जीने के अधिकार में सम्मान और गरिमापूर्वक
 जीवन यापन करने का अधिकार भी शामिल है 
हमें ध्यान रखना चाहिए की हमारी व्यक्तिगत स्वतंत्रता 
किसी व्यक्ति के इस अधिकार को तो नहीं छीन रही है 
संसार में गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए 
सबसे अधिक कोई मूल्य वान वस्तु  है
 तो वह सम्मान और गरिमापूर्ण 
जीवन यापन का अधिकार
 हमें चाहिए की हम स्वयं सम्मान पूर्ण जीवन जिए 
और हमारे किसी कृत्य से दूसरे व्यक्ति के आत्मसम्मान 
एवं  सामाजिक सम्मान को क्षति न पहुंचे 
अध्यात्म का मूल सूत्र ही यह है की 
विश्व के समस्त प्राणियों में प्रभु सत्ता का वास है 
इसलिए हम चाहे कितने ही धर्म का आवरण ओढ़  ले
  यदि हमने  अपने जीवन में जाने अनजाने 
चाहे अनचाहे अपने कृत्य से
 किसी व्यक्ति  के सम्मान से जीवन जीने के अधिकार को 
क्षति पहुचाई है तो हम पाखंडी है 
ईश्वर पाखण्ड से की गई पूजा को स्वीकार नहीं करता
 मन आशाये उसी व्यक्ति की पूरी होती है
 जो जीवन में ईश्वरीय गुणों का समावेश कर लेता है

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