बुध्दि से युक्ति
बुध्दि से विवेक
बुध्दि से चेतना जाग्रत होती है
जब किसी व्यक्ति का बुरा समय आता है तो
उसकी बुद्धि भ्रष्ट होती है
बुद्धिमान व्यक्ति दूरदर्शी होता है
बुद्धि मान वह नहीं है जो षड्यंत्रकारी हो
बुद्धि मान वह नहीं है जो षड्यंत्रकारी हो
बुद्दिमान और धूर्त्त व्यक्ति में अंतर होता है
बुध्दि ही वह तत्व है
जो आत्मा को शुध्द करती है
तत्काल निर्णय लेने की क्षमता
जिस व्यक्ति में होती है
उसे प्रत्युत्पन्नमति कहा जाता है
यह बिना ईश्वरीय कृपा से संभव नहीं है
बुद्धि जनित चेतना से हमें शक्ति प्राप्त होती है
बुध्दि जनित युक्तियां
हमें समस्याओ से मुक्त होने का मार्ग बताती है
बुद्धि जनित विवेक हमें
आत्म ज्ञान तत्वज्ञान और ज्ञान विज्ञान को
ग्रहण करने की सामर्थ्य प्रदान करता है
इसलिए सर्वश्रेष्ठ ईश्वरीय कृपा का पात्र
वह व्यक्ति है जो बुध्दिमान हो
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