चद्रमा व्यक्ति के मन का प्रतीक है |
सूरज व्यक्ति की बुध्दि का प्रतीक है
मन की अवस्था अस्थिर होती है
ठीक उसी प्रकार से चद्रमा का आकार और उसका स्वरूप परिवर्तित होता रहता है
जो व्यक्ति मन के अनुसार निर्णय लेले है
वे निर्णय भावना प्रधान होते है
भावनाओ में उथल पुथल होने से स्वभाव में स्थिरता नहीं रहती ऐसे व्यक्ति के निर्णय बदले भी जा सकते है
जबकि सूरज जो बुध्दि का प्रतीक होता है
अपने निश्चय पर दृढ और समय का पाबन्द होता है
सूरज के आकार में परिवर्तन नहीं होता है
बुध्दि से निर्णय लेने वाला व्यक्ति संकल्प का दृढ होता है उसके कार्य व्यवहार में विश्वसनीयता प्रतिबिंबित होती है व्यक्तित्व में सूरज की तरह ओजस्विता दर्शित होती है इसलिए हमें यह तय करना है क़ि हम मन रूप चन्द्रमा से प्रकाश पाये या बुध्दि रूपी सूरज से तेज ग्रहण करे
सूरज व्यक्ति की बुध्दि का प्रतीक है
मन की अवस्था अस्थिर होती है
ठीक उसी प्रकार से चद्रमा का आकार और उसका स्वरूप परिवर्तित होता रहता है
जो व्यक्ति मन के अनुसार निर्णय लेले है
वे निर्णय भावना प्रधान होते है
भावनाओ में उथल पुथल होने से स्वभाव में स्थिरता नहीं रहती ऐसे व्यक्ति के निर्णय बदले भी जा सकते है
जबकि सूरज जो बुध्दि का प्रतीक होता है
अपने निश्चय पर दृढ और समय का पाबन्द होता है
सूरज के आकार में परिवर्तन नहीं होता है
बुध्दि से निर्णय लेने वाला व्यक्ति संकल्प का दृढ होता है उसके कार्य व्यवहार में विश्वसनीयता प्रतिबिंबित होती है व्यक्तित्व में सूरज की तरह ओजस्विता दर्शित होती है इसलिए हमें यह तय करना है क़ि हम मन रूप चन्द्रमा से प्रकाश पाये या बुध्दि रूपी सूरज से तेज ग्रहण करे
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