राकेश अपने माता पिता का इकलौता बेटा था
माता पिता का आज्ञापालक पर पढ़ने में कमजोर
संस्कारित पर एकांत प्रिय अपने काम से काम करने वाला खेलो चित्र कला में थोड़ी थोड़ी रूचि पर पूर्णता किसी में भी नहीं छोटी छोटी बात का बुरा लगना उसका स्वभाव था चरित्र का दृढ स्वाभिमानी अभावो में रहने का अभ्यस्त संतोषी परन्तु जीवन में प्राथमिकताएं अभी उसने तय नहीं की थी ठीक उसके विपरीत विपिन जो उसका सहपाठी था उद्दंड शरारती अपनी मनमानी करने वाला परन्तु अच्छा वक्ता धुन का पक्का जो सोच लिया उस कार्य को पूरा कर लेना उसका स्वभाव था चरित्र ऐसा कि वातावरण में सीघ्र समन्वय स्थापित कर प्राथमिकता के आधार पर महत्वपूर्ण कार्य कर लेता था
विपिन की इसी आदत के कारण उसके पास मित्रो की लंबी फौज थी प्रश्न यह है कि क्या राकेश जैसे अच्छे लडके की कोई कीमत नहीं है क्या अच्छाई व्यक्ति के विकास के लिए उपयोगी नहीं है ऐसा नही है राकेश की अच्छाई का मूल्य हो सकता है परन्तु वह समय के अनुरूप वह स्वयं को ढालने सक्षम हो कार्य में पूर्णता हासिल करना उसकी प्रव्रत्ति हो जीवन में उसने प्राथमिकताये तय की हो तभी अच्छाई और अच्छे व्यक्ति का मूल्य रह पायेगा
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Sunday, February 14, 2016
अच्छाई का मूल्य
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