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Friday, July 29, 2016

दक्ष प्रजापति और शिव

दुष्ट लोग अकारण सज्जनो से 
शत्रुता का भाव रखते है
उसका परिणाम क्या होता है 
यह शिव एवम् दक्ष प्रजापति का प्रसंग बताता है 
दक्ष प्रजापति शिव जी के श्वसुर थे 
जो अकारण शिव जी से घृणा करते थे 
जबकि शिव जी ने कभी भी ऐसा कार्य नहीं किया 
जिससे दक्ष प्रजापति को कष्ट पहुचा हो 
शिव जी सदैव संतुष्ट हर प्रकार की परिस्थितियों में 
प्रसन्न रहने वाले लोक कल्याण की 
भावना रखने वाले देवता है 
शिव जी ने कभी भी दक्ष कन्या 
सती को प्राप्त करने का  प्रयत्न नहीं किया 
इसके विपरीत दक्ष कन्या ने स्वयं ही 
तपस्या कर शिव जी का वरण किया था 
इसके बावजूद शिव के प्रति दुर्भावना पूर्ण विचारो के कारण दक्ष प्रजापति दुराग्रह से ग्रस्त रहे 
परिणाम क्या हुआ दक्ष प्रजापति को
 वराह मुख प्राप्त हुआ 
इसलिए अकारण शत्रुता भाव 
सज्जनो के प्रति नहीं रखना चाहिए यह शिव दक्ष प्रजापति की यह कथा सन्देश देती है 

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