भारतीय संस्कृति में बावड़ियों का अत्यधिक महत्व है बावडिया हमारी सभ्यता की प्रतीक होकर धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है वास्तु शिल्प की उत्कृष्टता बावड़ियों के निर्माण में दृष्टिगत होती है बावडिया कितनी भी गहरी हो पथिक में उसमे सरलता सीढियो से उतर कर अपनी प्यास बुझा सकता है बावड़ियों जगह जगह बैठने और विश्राम करने के लिए झरोखे होते है जिसमे गर्मी के दिनों में पथिक विश्राम कर अपनी थकान मिटा लिया करते है प्राचीन काल मे राजाओ की प्रशस्ति और कीर्ति इस आधार पर होती थी कि उसके कितनी बावडिया धर्म शालाये बनवाई नगर सेठ भी पूण्य प्राप्ति हेतु बावडिया निर्मित करवाते थे ।बावड़ियों से जुड़ी हमारे ग्राम्य अंचलो में कई प्रकार की दंत कथाये प्रचलित रही है देवताओ एवम उपदेवताओं की उपस्थिति बावड़ियों के भीतर होना बताई गई है वर्तमान में बावड़ियों का अस्तित्व खतरे दिखाई देता है
जहां निरंतर भू जल स्तर कम होता जा रहा है वहा बावड़ियों भू जल स्तर को ऊंचा उठाने में उपयोगी सहायक हो सकती है बावड़ियों में वर्षा जल के पुनर्भरण से उनका समाज के लिए उपयोग हो सकता है
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Tuesday, July 3, 2018
बावडिया हमारी सभ्यता
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