कभी कभी जीवन मे ऐसा समय आता है जब निराशा के काले बादल उजियाले आकाश को घेर लेते है और लगता हे मानो किसी भी पल वो बादल फट पडेगा और सब कुछ तसस नहस हो जाएगा
वक्त जब आखोँ के सामने गुजरता हे तो एक एक पल सर्पदंश सा चुभता हे ।
समय हाथो से रेत की भाँति फिसल जाता हे और खाली हाथ रह जाते हे जो उस बाढ मे बहने से बचने के लिए हारी हुई लडाई लड रहे है जो उस बादल के फटने से आई थी ।
पर अभी आखिरी जंग बाकी हे विजय की सम्भावना यद्दिपी ना के बराबर सी हे पर हे तो सही क्योकि ऐसे वक्त मे जीवन के पथ पर किये गए संर्घष और प्रेरणात्मक अनुभव जो इस जीवन में पुन: ऊर्जा का संचार करते है जो लडाई को जारी रखने की प्रेरणा देते है आगे जो होगा देखा जाएगा।
kinaaraa paas hai haar mat pathik
ReplyDeleteujaalaa paas hai haar mat pathik
tere vishvaas kaa sahaaraa hi hame lagataa adhik
.सच्चाई को शब्दों में बखूबी उतारा है आपने आभार क्या ये जनता भोली कही जाएगी ? # आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -5.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN लड़कों को क्या पता -घर कैसे बनता है ...
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