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Friday, July 26, 2013

लघु कथा -रामकिशन

पारिवारिक जिम्मेदारियों से पलायन कर 
रामकिशन शान्ति की खोज में 
गंगा तट के किनारे एक महात्मा के आश्रम पर पहुंचा 
आश्रम की व्यवस्था के अनुसार
 प्रत्येक आश्रमवासी की एक नियत दिनचर्या थी 
सौपे गए कुछ कार्य थे गोशाला ,पाक शाला ,
 गुरुसेवा ,अतिथि सेवा जिसमे शामिल थी 
कुछ दिनों तक आश्रम में रहने के बाद 
राम किशन को भान हुआ की 
यह सब तो वह अपने परिवार में 
रह कर भी तो कर सकता था
 फिर वह क्यों शान्ति की खोज में गंगा तट पर आया
 और कर्म से पलायन किया 
तब उसे समझ में आया की कर्म ही धर्म है 


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