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Saturday, May 23, 2015

सपना का त्याग

सपना मध्यमवर्गीय परिवार की लाडली लड़की थी कुशाग्र बुध्दि की बालिका परिवार के प्रति अपने दायित्व को भली भाँती समझती थी माता पिता और तीन छोटी बड़ी बहनो सहित एक भाई का सुखी और संतोषी परिवार के बीच सपना स्वयम को पा अपना जीवन धन्य समझती थी शिक्षा पूरी होने के बाद सपना एक शासकीय कार्यालय में लिपिक का पद पा चुकी तो परिवार में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई  सपना जैसी सुयोग्य कन्या पाकर कौन माता पिता ऐसे है स्वयं को भाग्यशाली नहीं समझते धीरे धीरे सपना पर बहनो की शादी का दायित्व भाई के पढ़ाई की जिम्मदारी भी आ गई  पंद्रह साल कैसे बीत गये पता ही नहीं चला सभी बहनो की शादिया हो चुकी थी भाई भी ग्रेजुएट हो चुका था पर कुछ बचा था तो वह सपना का अविवाहित दायित्वों से भरा जीवन और बूढ़े माता पिता

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