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Monday, August 3, 2015

कमला

आज कमला उम्र के सत्तरवे वर्ष को पार कर रही थी
 पर उसका सम्मान जनक जीवन पूरी तरह समाप्त हो गया था 
जिन बच्चो  बहुत सी अपेक्षाओं के साथ बड़ा किया
 आज वे ही उसे प्रताड़ित कर रहे थे 
बात बात पर बहुए उसे शब्द बाणो  से घायल कर रही थी 
किसी भी महत्वपूर्ण कार्य में उसे अनदेखा किया जाता रहा है
लगता था जैसे उसने अपनी जिंदगी जो जीना थी जी ली 
अब तो वह अपना बुढापा खराब कर रही है 
 कमला को यह दिन क्यों देखना पड़ा ?
इस प्रश्न पर उसकी आँखों में आंसू छलक  उठे 
क्या कहती वह  उसे अपनी युवा अवस्था के दिन याद आ गए 
जब वह स्वेच्छाचारी जीवन जीती थी 
पति को तरह तरह से प्रताडित  करती  थी 
बच्चो को बुरी बुरी गालिया देकर सम्बोधित करती  
वह समय निकल गया पति परलोक गमन कर चुके 
बची बूढी वैधव्य अवस्था उसे समझ में आ चुका था 
की उसका बुढ़ापा बर्बाद होने कारण  में वह स्वयं है

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