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Friday, October 30, 2015

स्वर्ग नर्क और मोक्ष

स्वर्ग नर्क और मोक्ष की अवधारणा
 केवल हिन्दू धर्म में है 
पुनर्जन्म हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण अंग है
पुनर्जम क्या है?
 पुनर्जन्म अपनी गलतियों सुधारने का अवसर है
 इसे बिना समझे
 हम पुनर्जन्म के सिध्दांत पर विश्वास करते है
 स्वर्ग क्या है स्वर्ग रोग मुक्त होकर सज्जनो के मध्य सुविधा के साथ शान्तिपूर्ण जीना है
कई लोगो के लिए यह धरती स्वर्ग है 
इसलिए उन्हें स्वर्ग की कामना करने का 
कोई ओचित्य नहीं है 
सबसे महत्वपूर्ण सिध्दांत मोक्ष का है 
जिसे पाने के लिए ऋषि मुनि ग्यानी तपस्वी 
साधना में लींन रहते है 
जो पुनर्जन्म और आवागमन से मुक्ति का मार्ग है 
जो परमात्म तत्व में विलीन हो जाना है 
सुख दुःख से परे हो जाना है
काम क्रोध मद लोभ मोह से मुक्त होकर
 सांसारिक जीवन में भी समस्त कॉमनाओ विषय वासनाओ से मुक्त हो सकते है 
और मोक्ष की अवस्था का अनुभव कर सकते है
 जहा तक नर्क का प्रश्न है
 हम अपनी मूर्खताओं  के फलस्वरूप 
पतन के मार्ग ओर चले जाते है 
तरह तरह के सुख से वंचित हो जाते है 
दुर्जनो संग पाकर 
अपने स्वाभाविक गुण खोकर 
व्यसनों में लिप्त होकर 
अपना स्वास्थ्य खराब कर लेते है 
नारकीय चिकित्सकीय प्रणालियों के सहारे 
जी पाते है इसी अवस्था को नर्क कहते है

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