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Monday, October 26, 2015

अभाव का प्रभाव

अभाव दो प्रकार के होते है 
एक तो वास्तविक अभाव 
दूसरा कृत्रिम अभाव है 
कृत्रिम अभाव वे होते है 
जिनके रहते हमारा जीवन यापन हो सकता है 
परन्तु हमें हमारी सुविधा भोगी प्रवृत्ति 
कृत्रिम साधनो के अधीन कर देती है
 जो लोग संन्यास की ओर 
अग्रसर होने की ईच्छा रखते हो 
उन्हें कृत्रिम साधनो से जुड़े
 अभावो में रहने का अभ्यास करना चाहिए ।
आश्चर्य तब होता है 
जब संन्यास मार्ग से जुड़े कुछ व्यक्ति
 कृत्रिम साधनो के बिना
 अपना नियमित जीवन व्यतीत करने में 
असमर्थ हो जाते है ।
कृत्रिम साधनो के बिना 
जीवन यापन करने के लिए
 व्यक्ति में वास्तविक वैराग्य की 
भावना होनी आवश्यक है 
वास्तविक वैराग्य 
संतोष और अपरिग्रह के व्रत के पालन 
किये जाने से ही संभव है 
व्यक्ति कितने ही बड़े व्रत कर ले 
दिखने में सामान्य व्रत नहीं कर सकता है

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