Total Pageviews

Thursday, April 28, 2016

समय

कस्तूरी और दुर्गा दोनों पति पत्नी  न्यायालय बाहर खड़े अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे |उनके रघु द्वारा साथ हुई मारपीट में जो बयान देने के लिए आये थे |थोड़ी देर में उन्हें पुकारा गया भीतर न्यायालय कक्ष में पहुचे रघु के वकील साब जो तारीख बढ़ाने के लिए खड़े थे |इतने देर में ही कस्तूरी और दुर्गा से रहा नहीं गया और बोल पड़े की साहब हम राजीनामा करना चाहते है |जज साहब और वकील साहब दोनों स्तब्ध हो उन्हें देख रहे थे| जज साहब ने पूछा आप राजीनामा क्यों करना चाहते हो| दोनों पति पत्नी बोल पड़े की दिन भर मजदूरी करने के बाद हमें शाम को रोटी मिलती है |हमें इतना वक़्त कहा है कि लड़ाई झगड़ा में अपना समय खराब करे |यह सुनकर अभियुक्त रघु की आँखों में पश्चात्ताप के आंसू आ गए सोच रहा था ,कि एक तरफ तो जिसने अकारण कस्तूरी और दुर्गा के साथ मारपीट की और दूसरी तरफ वे कस्तूरी दुर्गा के पास आजीविका के साधन जुटाने की व्यस्तता में लड़ाई झगड़े का भी समय नहीं है

No comments:

Post a Comment