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Sunday, May 8, 2016

अक्षय

अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण दिवस है इस दिन बिन मुहूर्त के विवाह किये जा सकते है
बिना मुहूर्त के वाहन संपत्ति क्रय की जा सकती है
अक्षय अर्थात जिसका क्षय न हो व्यक्ति जीवन बहुत कुछ पाता है कमाता बसाता है परन्तु सब कुछ व्यय या क्षय हो जाता है बचता कुछ भी नहीं है अक्षय तृतीया उस प्रव्रत्ति का प्रतीक है जिसमे श्रम है संचय है सदाचार है शुचिता है समृध्दि है सौंदर्य है सृजन है जहा संस्कार नहीं सदाचार नहीं वहा  श्री सम्पदा अक्षय नहीं क्षरण होता रहता है अक्षय हमें यह बताती है कि  विशुध्द साधनों द्वारा अर्जित संचय ही अक्षय रहता है 

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