Total Pageviews

Saturday, July 14, 2018

अस्मिता

अस्मिता आत्मसम्मान 
सुनने में एक जैसे लगते है 
परन्तु आत्म सम्मान से अधिक गहरा अर्थ
 अस्मिता का होता  है 
आत्म सम्मान का सम्बन्ध 
व्यक्ति की भावना से होता है 
जबकि अस्मिता का सबंध व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा निजता 
महिला  की  सुरक्षा से होता है 
महिला की इच्छा के बिना उसकी देह को स्पर्श 
एक अपराध ही नहीं 
महिला वर्ग की अस्मिता पर प्रहार होता है 
व्यक्ति के स्वयं निर्णय लेने की क्षमता पर 
तरह तरह के प्रतिरोध  उसकी 
अस्मिता को नकारना होता है 
व्यक्ति की क्षमताओं को कैद कर 
उसे अपने अनुकूल कार्य करने को बाध्य करना 
व्यक्ति की अस्मिता को खंडित करना है
अस्मिता व्यक्ति परिवार समाज राष्ट्र की हो सकती है 
जबकि आत्म सम्मान व्यक्तिगत होता है 
संस्कृतियों पर आक्रमण 
सामाजिक अस्मिता पर चोट है 
व्यक्ति को उसके इच्छित आजीविका न करने देना
 स्वालम्बन में कठिनाइयाँ उत्पन्न करना
 किसी व्यक्ति में आत्मविश्वास को विचलित कर देना 
समाज परिवार में भय का वातारण पैदा कर देना
अस्मिता पर  प्रहार के कई तरीके हो सकते है 
अस्मिता  शब्द संस्कृत   भाषा  के अस्मि शब्द से 
बना है  जिसका शाब्दिक अर्थ है  "हूँ "
अस्मिता का पूरा अर्थ " मै  हूँ " 
किसी व्यक्ति के आत्मविश्वास  का पैमाना 
अस्मिता ही होती है 
यदि किसी व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर 
करना हो तो उसकी अस्मिता को चोट 
पहुंचाई जाती है 
इसलिए व्यक्ति के सामाजिक सुरक्षा की गारंटी 
समृध्दि अस्मिता है 
जिस व्यक्ति में अस्मिता बोध नष्ट हो जाता है 
उसकी बहु आयामी चेतना शून्य हो जाती है 
वह  गौतम ऋषि पत्नी अहिल्या की तरह 
पाषाणवत हो जाता है मर्यादा पुरुषोत्तम 
श्री राम ने तत्समय अहिल्या की 
अस्मिता को जगाया था 
 

No comments:

Post a Comment