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Wednesday, April 3, 2019

भाग्यशाली

परिवार के सदस्य होना अलग बात है 
और आत्मीय होना अलग बात है 
आत्मीय वे होते है
 जो अपनों के ह्रदय की भावनाओ को समझ सके 
वे नहीं जिनके समक्ष हम अपनी भावनाये प्रकट ही न कर सके 
वर्तमान में कई परिवार ऐसे दृष्टिगत होते है
 जहां एक व्यक्ति अपने हृदय की बात नहीं कह सकता
विशेषकर परिवार के उस  सदस्य के सामने 
जो नकारात्मक वृत्तियों  से भरा हुआ हो 
ऐसा व्यक्ति तरह तरह के दुराग्रह 
और पूर्वाग्रह के रहते किसी की नहीं सुनता है 
अपने द्वारा गढ़ी  हुई मिथ्या धारणाओं के समक्ष
 हर तथ्य को असत्य मानता है 
ऐसा व्यक्ति परिवार मे होकर भी बेगाना होता है 
वही कुछ लोग परिवार के सदस्य न होकर भी आत्मीय होते है 
शब्दों से परे वे ह्रदय की हर पीड़ा को समझते है 
वे लोग बहुत भाग्य शाली होते है 
जिन्हे अपने परिवार में ही आत्मीय जन पाए है  


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